Wednesday, September 28, 2011

MURKY MORNING

"...अफताब के आगोश में एक खामोशी छू गई

बिखरी पर्छियो में एक ग़ज़ल बन गई.

कोरे कागज़ को कही शब्दों की नजाकत मिल गई

एक नज़र से तस्वीर मुक्कारार हो गई .."


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Ethical and Moral Construct of Modern