Wednesday, July 27, 2011

Innocent Self

आज एक नयी दिशा ले कर
आसमान को छूने की जिद की है ....
भटकता था आज तक इस्सी ख्याल में
कुत्च इफ्तिखार की परश्तिश की है ..."

"जूनून रुका हुवा और गुरुर बिखरा हुआ
तेरे पास होने पर एक नयी पहेचन की
ख्वाइश की है ..."
Meanderings Self

"कही जगहों से निकलती है यह सुमसाम गलिया
कही दिशाओ में मिलती है यह सुमसाम गलिया
कही मोड़ पर गुमनाम हो जाती है यह गलिया
कही मुकाम पर आबाद हो जाती है यह गलिया
फिर भी एक मुसाफिर की इक्तिज़ा करती है यह गलिया
इस ही ख्याल में, कही नाज़िश न खो जाये "

Conquer of Paradise

सितारों से सजाया है उमीद का दामन
रातो को सजाई है कही सुरजो का अमन
ख्वाइश से भर आई है अखियो में सावन
सर तबी जिंदादिली पर एतबार हुआ है हमें
जब से मिला है हम-साज़ इह्तियाज..

Ethical and Moral Construct of Modern