Innocent Self
आज एक नयी दिशा ले कर
आसमान को छूने की जिद की है ....
भटकता था आज तक इस्सी ख्याल में
कुत्च इफ्तिखार की परश्तिश की है ..."
"जूनून रुका हुवा और गुरुर बिखरा हुआ
तेरे पास होने पर एक नयी पहेचन की
ख्वाइश की है ..."
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